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कहाँ-कहाँ / भगवत रावत
Kavita Kosh से
आख़िरकार एक दिन
लौटना ही होगा
उस दरवाज़े तक
जिसकी चौखट पर
मेरे नाम की तख़्ती लगी है
कहाँ-कहाँ लिखा गया है मेरा नाम ।