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कहानी के फेर में / गिरिराज किराडू
Kavita Kosh से
हिरामन तीन कसमें खाता है
फिर किसी कहानी का सुपात्र नहीं बनूंगा
फिर किसी कहानीकार को अपने बारे में नहीं लिखने दूंगा
फिर किसी कहानी में अपना ही पार्ट नहीं करुंगा –
रेणु थोड़ा उदास हो कर उसे देखते हैं फिर तनिक हँसकर कहते हैं
जा रे ज़माना, तू भी आ गया मेरी कहानी के फेर में!