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कहो संजय! 1-6 / कविता भट्ट
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अथ प्रथमोऽध्यायः
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कहो संजय!
धृतराष्ट्र ने पूछा
एकत्र हैं जो
कुरु-धर्मक्षेत्र में
युद्ध-इच्छा से
मेरे व पाण्डु-पुत्र
करते क्या बताओ?
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संजय बोले-
इस पल जाकर
द्रोण-समीप
राजा दुर्योधन ने
कहा उनसे-
देखिए गुरुवर !
पाण्डव-सेना
व्यूहरचना युक्त
युद्ध में खड़ी
की है धृष्टद्युम्न ने
शिष्य आपका
द्रुपदपुत्र है जो
उस बुद्धिमान ने
की वहाँ सेना खड़ी।
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इस सेना में
धनुषों वाले खड़े
भीम-अर्जुन
वीर हैं बड़े-बड़े
राजा द्रुपद
सात्यकि व विराट
धृष्टकेतु हैं
चेकितान, शैब्य हैं
पुरुजित हैं
काशीराज बली भी
कुन्तिभोज
युधामन्यु साहसी
उत्तमौजा हैं
सुभद्रा के पुत्र हैं-
अभिमन्यु व
द्रौपदी-पुत्र पाँचों
खड़े ये महारथी।