कह मुकरी / गुंजनश्री
(1)
ओकरे प्रेम में तन-मन भीजल,
बैरी तइयो हमरे स' रुसल,
सहल ने जाय नेह के पीड़ा,
की सखी राधा?
नै सखी मीरा।
(2)
जानि ने केहन रोग लेलहुँ हम,
जग-झंझट सब छोड़ी देलहुँ हम,
माणिक त्यागि लेलहुँ हम हीरा,
की सखी राधा?
नै सखी मीरा।
(3)
मान-मनव्वल करिते रहलहुँ,
जग-बाधा सब उघिते रहलहुँ,
उचित ने प्रेम पर लीपा-पोती,
की सखी मीरा?
नै सखी गोपी।
(4)
घर त्यागी जंगल दिस गेलहुँ,
हमर मनोरथ संग ल' गेलहुँ,
प्रिय केहन ई प्रीतक लीला,
की सखी सीता?
नै सखी उर्मिला।
(5)
कुलक मान रखने छी एखनहुँ,
अहाँक लेल सबटा गमेलहुँ,
दैत सदा स' अग्निपरीक्षा,
की सखी बेटी?
नै सखी सीता।
(6)
हिय आँगन में प्रियतम ऐला,
भाग हमर प्रिय हिय हुलसेला,
कियै करै छी उत्तराचौरी,
की सखी प्रियतम?
नै सखी बैरी।
(7)
नभ-आँगन में बादर चमकय,
प्रेम पिया के हिया में उमकय,
आइ औता हमर मनभावन,
की सखी बैरी?
नै सखी प्रियतम।
(8)
चहुँदिस पसरल प्रकृति रम्य,
मुस्कय डेग-डेग पर मंद,
मजरि रहल जामुन आम,
की सखी नगरी?
नै सखी गाम।
(9)
बाट गमकल घाट गमकल,
नैन शोभा देखिते थाम्हकल,
मजरल गेल छै जामुन आम,
की सखी पटना?
नै सखी गाम।
(10)
आस-सहास सब तोरे कारण
आन हमर के दोसर तारण
दरस देखा भागल बइमान
की सखी अप्पन?
नै सखी आन।