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कांच बांस काटिकऽ बंगाल घर छारि कऽ / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कांच बांस काटिकऽ बंगाल घर छारि कऽ
ई लट झाड़ि कऽ ओ पट झाड़ि कऽ
एती-एतीराति पिा कतऽ सऽ आयल छी?
राहरिक खेत पोखरौना सऽ आयल छी
हाथमे टुनटुन, पयरमे काड़ा
कर दतमनियां नैना जोगिनियां
एके पटोर तर दुइ रे कुमारि
बाम छौ कनियां दहिन छौ सारि
हृदय विचारि कऽ उठा ले नारि
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनि
तेसर योगिनियां तोहें छोटकी सासु हे
आबे बाबू पड़ल योगिनियां के वश हे