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कामवाली / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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आज की कामवाली
ज्यादा आधुनिक है
इलाके-इलाके का फर्क है
सिनेमा - पी वी आर का
भेद समझती है
लेटेस्ट मोबाइल रखती है
‘साब’ लोगों को खूब -
बनाती है
मेमसाब की नजरों से
जब चाहो
‘साब’ को चुरा लेती है
और
इन धनाढ्य साहबों को अपना चुराना
इन दिनों खूब भा रहा है