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काय को दिवला मैया काय की बाती / मालवी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

काय को दिवला मैया काय की बाती
काय की लागी जगाजोत वो अनन्दी
तेरे भवन पे मैया, नौबत बाजे
नौबत बाजे मैया, वो मढ़ गाजे
धरम धजा फहराय वो जगतारन
तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे
पाँव में तेरे मैया बिछिया बी सोहे
अनबट की लागी जगाजोत वो महाकाली
अंग को मैया तेरे सालू बी सोहे
ओढ़न की लागी जगाजोत वो अनन्दी
तेरे भवन पे मैया नौबत बाजे