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कारवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये / फ़ानी बदायूनी

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करवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र<ref>पथ</ref> देखा किये
हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबर<ref>नेतृत्व करने वाले के पद-चिह्न
</ref> देखा किये

यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गईं
दिल की नब्ज़ें छुट गयीं और चारागर<ref>उपचारक</ref> देखा किये

रुख़<ref>चेहरा</ref> मेरी जानिब<ref>ओर्</ref> निगाह-ए-लुत्फ़<ref>आनंद-दायक दृष्टि</ref> दुश्मन की तरफ़
यूँ उधर देखा किये गोया<ref>जैसे कि</ref> इधर देखा किये

दर्द-मंदाने-वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ
दर्दे-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये

तू कहाँ थी ऐ अज़ल<ref>मृत्यु</ref> ! ऐ नामुरादों की मुराद !
मरने वाले राह तेरी उम्र भर देखा किये


शब्दार्थ
<references/>