कारोॅ गुलाब / शिवनारायण / अमरेन्द्र
हमरोॅ फुलबाड़ी में
एकटा खूबसूरत कारोॅ गुलाब
खिली गेलोॅ छै
जेकरोॅ खुशबू
समूचे घरोॅ में फैलतेॅ रहै छै
हौलेॅ-हौलेॅ।
ई कारोॅ गुलाब रोॅ पौधा के जोॅड़
दखनाहा अफ्रिका तांय गेलोॅ छै
जेकरा सालो पहिलें
मण्डेलां आपनोॅ हाथोॅ पटैलेॅ रहै
सौंसे दुनियां में फैली जाय वास्तें।
हमरोॅ फुलबाड़ी के मालिन कहै छै
ई कारोॅ गुलाब रोॅ रंग
पहिलेॅ कारोॅ नै, चरकोॅ रहै
आरो जब तांय
एकरोॅ रंग चरकोॅ रहै
तेॅ फुलबाड़ी रोॅ सब्भे फूलोॅ नाँखि
एकरो गन्ध होने छेलै
आय, जबेॅ कि एकरोॅ रंग
कारोॅ होय गेलोॅ छै
एकरोॅ विक्खोॅ गंध
कस्तूरीये नाँखि
फुलबाड़ी के सीमाना तोड़ी
पास-पड़ोस के घरो में
गमकेॅ लागलोॅ छै।
सौंसे मोहल्ला में
ई कारोॅ गुलाब के खुशबूं
एकटा अजगुते सनसनी फैलाय केॅ राखी देनें छै
कि आबेॅ तेॅ उजरको रंग
कारोॅ हुएॅ लागलोॅ छै आरो
सौंसे दुनियाहै में फैलेॅ वास्तें
मण्डेला के रोपलोॅ बीया
दुनियां रोॅ कै एक ठो हिस्सा मंे
कारोॅ गुलाब के शक्ल में
खिलेॅ लागलोॅ छै।
साँझ मलकी-मलकी
खसेॅ लागलोॅ छै
कल भोररियां
सुरुज के पहिलकोॅ किरिण
यहा कारोॅ गुलाब रोॅ
गाछी पर गिरतै।