चुप-चुप करता हूँ,
करता हूँ जो भी
मैं आग पर चलने का करतब करता हूँ
और अपने पैरों, नंगे पैरों के बारे में
कुछ कम, कुछ कम ही सोचता हूँ
सोच नहीं बनाया मैंने कदापि नहीं
प्रेम नहीं बनाया मैंने कदापि नहीं
फिर वह क्या जो पीछा करता है मेरा
बताए तो बताएँ सच-सच कोई
कार्रवाई का रास्ता क्या ?
रचनाकाल : 2012