काहे को विधाता अइसन सुन्दर सरूप दीन्हों
सरस चतुराई निपुनाई छवि छाई है।
नाहक विलास भोग जगत में बनाया दीन्हों
नाहक सोलह सिंगार अंबर बनाई है।
नाहक विश्राम सुखधाम भी बनाए हाय
दुनिया के विभव राज नाहक बनाई है।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र लखन सिया के संग
भाल अंक लिखत ब्रह्मा खूब ही भुलाई है।