कितका संविधान बदलै सै तेरै जी नै रासा हो ज्यागा / अमर सिंह छाछिया
कितका संविधान बदलै सै तेरै जी नै रासा हो ज्यागा,
हे हे रै बेइमान।...टेक
इस संविधान नै या आजादी दुवाई थी।
बेइमानां की या सरकार उरै आई थी।
मामा-फूफी इन नै घर की बणाई थी।
धक्का पेल हंगां की इन नै चलाई थी।
सदा अमर रह कोन्या नम्बर म्हारा भी आ ज्यागा।
तूं संविधान बदलै से ये सारे नाटै सैं।
अमर फल यो भारत का तूं इसनै काटै सैं।
इसे बात के ऊपर दंगल तेरा भी पाटै सै।
थोड़े दिन रहवैगा ढंग इसा ए लागै सै।
तनै देख कै ना कोए राजी तूं सबका दुश्मन हो ज्यागा।
सरकीबंद और राष्ट्रपति का वोट एक सार लाया सै।
उसका भी अधिकार राज म्हं हकदार बणाया सै।
वो भी इंसाफ इस पब्लिक पै कराया सै।
वो ए प्रधानमंत्री बणै जो पब्लिक नै चाया सै।
गरीब नै छाटै गल इसका काटै नाश तेरा भी हो ज्यागा।
इस संविधान कै बारे म्हं कांशीराम अड्या था।
इन कै शौक होया इतणा इन नै विरोध कर्या था।
सताईस परसेंट नौकरियां पै आरक्षण भी कर्या था।
जाकै हांसी एस.डी.एम. की कोठी पै अटैक कर्या था।
अमरसिंह इसका भी लो इस्तीफा ना नया त्यौहार हो ज्यागा।