कितना बदल गया है भारत / हरेराम बाजपेयी 'आश'
कितना बादल गया है भारत आजादी के नाम से,
अरे कलंकित मातृभूमि है, हत्यारों के काम से।
न कोई सिक्ख हुआ करता था,
न कोई होता ईसाई,
हिन्दू, मुस्लिम भेद न कोई,
सभी थे आपस में भाई,
सारा जगत हमारा घर है,
नारा था भारत धाम से। कितना बदल...
खण्ड-खण्ड हो रहे देश के,
अखण्ड्ता के नाम से,
नैतिकता एकता दिखावा,
सभी को मतलब दाम से,
फुर्सत नहीं किसी नेता को,
स्वार्थ सिद्धि के काम से। कितना बदल...
दल में दल है रोज पनपते,
दल-दल सारा देश है,
सांसद और विधायक बिकते,
क्रेता स्वयं नरेश है,
सरेआम आचरण झुक रहा,
मिले विदेशी डैम से।
कितना बदल...
पूरब में आसाम जल रहा,
पश्चिम में प्यारा पंजाब,
देखो तो डलझील जल गई,
मण्डल से जल रहा दोआब,
बन्द के दौरे बन्द न होगे,
सब मिलता चक्का जाम से।
कितना बदल...
कोई बेच रहा गुरुद्वारा,
कोई मन्दिर रहा खरीद,
आस्तीनों में साँप छिपाकर,
देखो मना रहे है ईद,
लाशों का व्यापार हो रहा,
अरे धर्म के नाम से।
कितना बदल गया है भारत
आजादी के नाम से ...