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किताबों से बाहर निकालो अलिफ़ / आदिल मंसूरी
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किताबों से बाहर निकालो अलिफ़
बरहना बदन पर चला लो अलिफ़
खुले पर उफ़क़ फड़फड़ा लो अलिफ़
कबूतर के पिंजरे में पालो अलिफ़
हमेशा वफ़ादार ही पाओगे
किसी वक़्त भी आज़मा लो अलिफ़
लगा कर लहू मीम का नून में
शहीदों में शामिल करा लो अलिफ़
मिरी जान मौसम बहुत सर्द है
लिहाफ़ों के अन्दर छुपा लो अलिफ़
संवर जायेगी हर्फ़ की अंजुमन
ज़रा आगे-पीछे लगा लो अलिफ़
बदन-मिट्टी ज़रखेज़ है साहिबो
जहां जी में आये लगा लो अलिफ़