भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
किताब / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
वह बुश के समय की किताब है
इसमें नहीं है
कोई दुक्ख
कोई अंधेरा
इसमें क्या है ?
जानते हैं जो लोग
वे चमकदार अंधेरा चाहते हैं