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किन्नर / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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किन्नर
खुशी बांटते हैं
दुआएं देते हैं
बख्शीश लेते हैं
वरीयता के हिसाब से
जो नहीं देते
उन्हें किन्नर देते हैं
तमाम वे शब्द
जिनके वे काबिल नहीं है
फिर भी
यह सिलसिला चल रहा है
चलता रहेगा
आर्थिक मंदी के दौर में भी
सोना
तीस हजार पार कर गया
आज शर्मा जी के यहां
फिर से
किन्नर
दूसरा लड़का हुआ है
लाला जी की
तिजोरी खुली ...
दी जा रही हैं
दुआएं
चंहु ओर