भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
किराए का घर / निलिम कुमार
Kavita Kosh से
मेरे एक कमरे में वह पढ़ता है,
दूसरे कमरे में
खाना खाता है,
एक कमरे में वह गीत गाता है,
और एक दूसरे कमरे में सोता है ।
उसने मेरे दिल के सभी चारों कमरे
घेर रखे हैं ।
वह और कोई नहीं —
दुख है ।
मूल बांगला से अनुवाद : अनिल जनविजय