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किसने देखी हवा की सूरत ? / क्रिस्टीना रोजेटी / यादवेन्द्र

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किसने देखी हवा की सूरत?
न मैंने देखी
न तुमने
पर जब पेड़ों की पत्तियाँ
हिलने - डुलने लगें
हवा वहाँ से गुज़र रही होती है ।

किसने देखी हवा की सूरत ?
न मैंने देखी
न तुमने
पर जब तने हुए पेड़ झूमते हुए
झुका लें अपना सिर
हवा वहाँ से गुज़र रही होती है।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र

लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
              Christina Rossetti
       Who Has Seen the Wind?

Who has seen the wind?
Neither I nor you:
But when the leaves hang trembling,
The wind is passing through.

Who has seen the wind?
Neither you nor I:
But when the trees bow down their heads,
The wind is passing by.