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किसी दिन / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
वैसे किसे नहीं मालूम
कि यहाँ कोई अजर-अमर होने नहीं आया
लेकिन यह भी किसे मालूम
कि एक दिन
वह मर जाएगा