भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
किसी ने कहा... / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
किसी ने कहा : स्वर्ग यहीं है
मैंने कहा : हाँ--
क्योंकि आदमी मर चुका है
और अब स्वर्ग यहीं है।