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किस्सा गोपीचंद - 6 / करतार सिंह कैत

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पत्नी: राज छोड़ कै लई फकीरी के सोची भरतार तनै
गोपीचंद: हम साधू म्हारा के रिश्ता सब एक सार संसार तनै...टेक

पत्नी: तेरे बिना धारा नगरी म्हं हो लिया घोर अन्धेरा
गोपीचंद: हम मांग्या खावैं भजन करां ना और बात का बेरा
पत्नी: क्यूं मनै ब्याह कै ल्याया था फेर बांध शीश कै सेहरा
गोपीचंद: इन बातां का आप फेसला कर देगा हर मेरा
पत्नी: तनै किस कारण तै जोग लिया ना कदे करी तकरार मनै
गोपीचंद: मेरी माता जोग दिवा कै आई नहीं कर्या इन्कार मनै
पत्नी: राज छोड़ कै...

पत्नी: तेरी माता नै के कह्या था म्हारा सोला का गल काटण का
गोपीचंद: मनै मां का कहण पुगाणा था मेरा फर्ज नहीं था नाटण का
पत्नी: तेरे बिना इब दुनिया मैं म्हारा कोये नहीं दुख बांटण का
गोपीचंद: तौली भिक्षा घाल्लो माई काम नहीं सै डांटण का
पत्नी: आज माता कह कै बोलै सै कदे कह्या करै था नार मनै
गोपीचंद: मन मार्या और इन्द्री जीती सब छोड़े नेग व्यवहार मनै
पत्नी: राज छोड़ कै...

पत्नी: बारा कन्या फिरै कुंवारी के आया कोन्या ख्याल देखे
गोपीचंद: हरिभजन मैं सुरत लगी मनै तोड्या मोह का जाल देखे
पत्नी: न्यू करणी थी तो घरवासे की क्यूं ना राखी टाल देखे
गोपीचंद: कदे परवा कदे पिछवा बावली चलती रह सै बाल देखे
पत्नी: कौण संभालै तेरे राज नै के कहैगा संसार तनै
गोपीचंद: राम नाम की करां कमाई ना चाहिए बणज व्यापार मनै
पत्नी: राज छोड़ कै...

पत्नी: पति रूप परमेश्वर हो सै मैं समझूं भगवान तनै
गोपीचंद: सील सबर सन्तोष धार लो कर देगा हरि पार तनै
पत्नी: तेरा जी चाह्वै सो खाकै जाइये सब त्यार करे पकवान मनै
गोपीचंद: हम राख घोल कै पिया करैं थारे ना चाहिए मिष्ठान मनै
पत्नी: न्यूं बुझूं सूं किस धोरै लिया ग्यान सीख करतार तनै
गोपीचंद: गुरु भजन सिंह की सेवा कर लई सीख गाण की कार मनै
पत्नी: राज छोड़ कै...