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की सखि, साजन? / भाग - 2 / दिनेश बाबा

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11.
जेकरा बिन कुच्छो नैं भाबै,
खान-पान तक नहीं सोहाबै,
देखि छटपटी मौत लजानी,
की सखि साजन?
नैं सखि, पानी।

12.

चाहत पूर्ण दिलाबै राहत,
जेकरा बिन जिनगी छै आहत,
नारी नें पाबै सम्मान,
की सखि दौलत?
नैं, संतान।

झाडू जै में लगल मलाई,
बत्तीस घर के करै सफाई,
काम महज एतने टा बस,
की सखि झाड़न?
नैं, टुथ-ब्रश।

14.

फूले जुगना बास छै जेकरोॅ,
गुणोॅ धरम भी खास छै जेकरोॅ
परोपकार छै जेकरोॅ गति,
की सखि संत?
नैं, बासमति।

15.

बड़ी दूर सें जे आबै छै,
बिन जेकरा नै कुछ भाबै छै,
खान-पान जेकरा बिन सून,
की सखि सोना?
नैं सखि, नून।

16.

जिनगी सफुल बनाबै जौनें,
वंशावली बढ़ाबै जौनें,
करै पिण्ड भी जौनें दान,
की सखि पंडित?
नैं, संतान।

पीरोॅ लाल देखाबै साड़ी,
जिनको लहर भगाबै झाड़ी,
दौड़-भाग में जैसें हिरनी,
की सखि भूत?
नैं सखि, बिरनी।

18.

कत्तोॅ खाय पर कहाँ मोटाबै,
बज्जड़ चौव्वा सभे चिबाबै,
भरै पेट नैं जना खदक्की,
की सखि पेटू?
नैं सखि, चक्की।

19.

तीन आँख पर नै बम भोला,
खड़ा माथ लेनें डमखोला,
अंधड़ पानी जाड़ सुखाड़,
की सखि नारियल?
नैं सखि, ताड़।

20.

नजर-नजर में प्यार के तोहफा,
रूसला पर मनुहार के तोहफा,
छिपी क मिलना होय छै खूब,
की सखि साजन?
नै, महबूब।