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कुंठित संज्ञा / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
कुंठित हो गई है
देश की संज्ञा
अकर्मक क्रियाओं से
सकर्मक क्रियाएँ
संलग्न हैं
कुंठित संज्ञा का
युग-बोध रचने में
रचनाकाल: २७-०७-१९६९