भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुछ ऐसे भी लोग मिले हैं / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
कुछ ऐसे भी लोग मिले हैं
मिलकर भी जो नहीं मिले हैं
वह घमंड के टीले पर ही
पारिजात की तरह खिले हैं,
उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार है
बड़ी दूर से।
रचनाकाल: ०१-०४-१९६१