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कुछ तो डरने लगे उनसे हम बेवज़ह / बल्ली सिंह चीमा

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कुछ तो डरने लगे उनसे हम बेवजा ।
कुछ वो करने लगे हैं सितम बेवजा ।

दर्द से रो पड़ा क्योंकि घायल हूँ मैं,
हैं सितमगर की आँखें क्यों नम बेवजा ।

मैंने उनको कभी भी बुलाया नहीं,
आ ही जाते हैं घर में भी ग़म बेवजा ।

जाम पीकर कभी भी जो बहके नहीं,
डगमगाने लगे वो क़दम बेवजा ।