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कुछ लोग जिंदगी में बिछुड़ते कभी नहीं / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
कुछ लोग जिंदगी में बिछड़ते कभी नहीं ।
पत्ते तो हर इक शाख के झरते कभी नहीं।।
मुश्किल सवाल देख देख कर हैं डर रहे
हल गणित जिंदगी का वो करते कभी नहीं।।
देखा तुम्हें तो यूँ ही जरा मुस्कुरा दिए
वरना किसी के वास्ते हँसते कभी नहीं।।
हम तुम नहीं थे गैर न थे पस्त हौसले
राहे वफ़ा से वरना गुजरते कभी नहीं।।
देखा तुझे तो यार जिंदगी निसार दी
सबके लिए तो इस तरह मरते कभी नहीं।।
शिव को सती वियोग ने ही बावरा किया
भव भूति का श्रृंगार तो करते कभी नहीं।।
उठने लगी है आँधियाँ तूफ़ान आ रहा
फँस कर गिरे तो पाँव संभलते कभी नहीं।।