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कुछ हद तक / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय

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मेरे लिए
पहाड़ अकेला है
और पहाड़ का मानना है कि
मेरी नीन्द उड़ गई है ।

पहाड़ के अनुसार
मैं पागल हूँ
और मेरे अनुसार
पहाड़
बेहद भूखा है ।

पहाड़ का कहना है
मैं बाहर नहीं निकल सकता
और मेरा कहना है
पहाड़ यहाँ नहीं आ सकता ।

रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय