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कूंट कढावै / सांवर दइया
Kavita Kosh से
न्हायी-धोयी
काजळ घाल्योडी
गोरीगोट छोरी
रीसाणी हो रोवण लागी
मसळ ली आंख्यां
म्हैं बोल्यो-
देख बबली
आभै कानी देख
थारी कूंट कढावै
सावणिया लोर !