के कहता जे इहाँ के सब इहँई
फेंक के चल देबे तें
मउअत आके जब तोर हाथ धरी।
जिंदगी में जे जे ले ले बाड़ेऽ
मउअत में सब ढोए के पड़ी।
एह भरल भंडार में आके
अंत में का छूँछे हाथे जइबे?
तोरा लेवे लायेक जे बा से
ठीक से ले ले, ठीक से।
बेकार के कूड़ा-करकट के बोझ
राते दिने लाग के जे बटोर ले बाड़े
से अगर जाए का दिन फूँक देंस तें
त बूझ ले जे धन्य हो गइले।
एह धरती पर आइल बाड़े
त सजा सँवार ले अपना के
मउअतो का उत्सव में
राजसी भेस बना हँसते-हँसते चल।