के म्हारी याद सताई कोन्या कर दी / करतार सिंह कैत
साली: के म्हारी याद सताई कोन्या कर दी दिल तै दूर देखे
जीजा: गई लाग मिशन की चोट मेरे मैं होर्या सूं मजबूर देखे
साली: एक साल मैं आया सै तूं ऐसा लिकड्या डेठा
जीजा: मेरे बस की बात नहीं मेरा लाग्या मिशन लपेटा
साली: हम जाणै थी बहाण मेरी कद गोद खिलावै बेटा
जीजा: मिशन सुणे पाछै भरग्या मेरा सब क्याहैं तै पेटा
साली: एक-दो बरियां रोज तनै हम करती याद जरूर देखे
जीजा: मेरी प्रचारां म्हं ड्यूटी लगरी के समझाऊँ हूर देखे
साली: के म्हारी याद...
साली: क्यां का करै प्रचार इसा खोल सुणा दे सारी
जीजा: बाबा साहब के मिशन तै बढ़कै ना चीज लगै कोए प्यारी
साली: किस तरियां का मिशन तू जिसमें भूल्या रिश्तेदारी
जीजा: जिस कै लागै वोहे जाणै इसी चोट मिशन की भारी
साली: मिशन सुणा दे म्हारे तै तेरी सेवा करां हुजूर देखे
जीजा: म्हारा रोजाना का काम मिशन म्हं हो र्हे सैं भरपूर देखे
साली: के म्हारी याद...
साली: साफ खोल कै मनै बता यू किस नै मिशन चलाया
जीजा: बाबा साहब अम्बेडकर नै समाज जगाणा चाह्या
साली: कैसे थे अम्बेडकर जिनै जग मैं नाम कमाया
जीजा: या गैर मुलक तै जाणै भारत का संविधान बनाया
साली: सुण-सुण कै तेरी बात मिशन का म्हारे चढ़णे लग्या सरूर देखे
जीजा: समझदार ले बात समझ घणे नुगरे करैं गरूर देखे
साली: के म्हारी याद...
साली: तेरी सुणी बात भर्या उमंग गात तनै के जादू सा डार दिया
जीजा: मनै पूरा मिशन सुणाया ना कर थोड़ा सा प्रचार दिया
साली: मारी इतने मैं काया बिंधगी कर तीर मिशन का पार दिया
जीजा: था मिशन अधूरा अब करणा पूरा जनता नै स्वीकार किया
साली: म्हारी जोणसी ड्यूटी लावै मिशन म्हं वा तै करां मंजूर देखे
जीजा: करतार सिंह थारी खात्तर ल्याया खाल्यो मिशन अंगूर देखे
साली: के म्हारी याद...