भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कैसा है यह जमाना / अज्ञेय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
कैसा है यह ज़माना
कि लोग
इसे भी प्यार की कविता
मानेंगे!
पर कैसा है यह ज़माना

कि हमीं
ऐसी ही कविता में
अपना प्यार
पहचानेंगे।

बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), अप्रैल, 1969