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कैसी बारिश / यूलिया मोरकिना / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
कल होने वाली है कैसी बारिश
कोई नहीं जानता ।
सूर्य की रचना किसने की है – यह समझ में आ जाता है :
हालाँकि वो अपने मुँह से
इस बारे में कुछ नहीं कहता ।
आकाश और सूर्य जैसी रचनाएँ किस बारे में हैं
क्या किरणों की कविताएँ हैं ?
सच तो यह है कि गरमी भी
एक दिन जाग उठेगी
वायलिन वादकों के हाथों में...
2021
मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
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अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Юлия Моркина
Какие дожди...
Какие дожди ожидают нас завтра,
Не знает никто.
У солнца нет автора – это понятно:
Оно не о том.
О чём же написаны небо и солнце
Стихами лучей?
О том, что и лето однажды очнётся
В руках скрипачей…
2021