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कोई अपना दिल में / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
Kavita Kosh से
कोई अपना दिल में बसाये त की हए।
एकतरफे अलगे गीत गाये त की हए॥
ऊ बिना बात के कोई बात चला कऽ।
अप्पन बात दिलके बताये त की हए॥
जभे नजर टकरा गेल केकरो से।
फेनू से ऊ नैन लड़ाये त की हए॥
अप्पन बात के ऊ गजल में गढ़के।
नयका शेर अप्पन सुनाये त की हए॥
ऊ अनजान हए अलग दुनिया में डूबल।
कोई दुनिया अलग बसाये त की हए॥