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कोई तो है / राजेश चड्ढ़ा
Kavita Kosh से
कोई तो है -
जिसका
कोई रूप....
हो
ना हो....
रंग....
हो
ना हो....
लेकिन
हमारे पास है
हर पल ।
कोई तो है -
जिस का
आभास
होता है ....
जीवन की बहती धारा में ।
कोई तो है -
सत्य की तरह....
सूक्ष्म
और
शाश्वत ।