कोन हुए जिम्मेवार / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
अप्पन ठोर से
कुछ बुदबुदाइत
कखनिओ हंसइत
कखनिओ कनइत
ऊ दउरे लगईअऽ केन्हु
देहो हए उघारे-लंगटे
ओकरा केकरो न हए परवाह
लोग सब
देख क ताली मारइअऽ
ठट्ठा करइअऽ
ओकरा घेरले हए लोग सब
कोनो मारइअऽ ओकरा पत्थर
जइसे फुट गेल हए ओकर माथा
लेकिन तइयो ऊ हंस रहल हए
हम ऊ भीड़ में घुस क
पूछली लोग सब से-
कि के हए ई?
आ कएला हए एक्कर ई दसा
एगो अदमी कहलक-
कि परसुए एकरा मरद के
मार देलक एगो उग्रवादी
आउर काल्हे
ओकर असगरूआ बेटा के मार देलक
तहीसे ई हो गेल विछिप्त
आ आइ ई दुखिआरी के ई दसा हए
हम सोचइते रह गेली
हमरा ठकमुर्गी मार देलक-
कि आखिर ई समाज
एतना हृदयहीन केना भे गेल
कि इहे हए हम्मर अजादी
जेकरा लेल एतना कुरबानी भेल
कि इहे हए हम्मर लोकतंत्र?
जइमें एगो विछिप्त औरत
मनोरंजन के साधन भे गेल
आ हम सब तमासबीन?
आखिर कोन सब हए एक्कर जिम्मेवार
ई सवाल के जबाव
सोचे के परत हमरा सबके
तभीए हमरा आजादी के
सही अर्थ बुझाएत
आ तभीए
हमरा सबके लोकतंत्र पर-
होएत गरब।