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कौने काँती कतरब झालरी गुअबा हे / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
कौने काँती<ref>कत्ता एक प्रकार का चाकू; काता; प्रकार</ref> कतरब<ref>कतरूँगा</ref> झालरी<ref>झालरदार; नया और ताजा</ref> गुअबा<ref>कसैली; सुपारी</ref> हे।
कौने काँती चिरबै<ref>चीरूँगा</ref> में कामी<ref>कमाची</ref>।
जगदंबा मैया बड़ी जसोमती<ref>यशोमती</ref> हे॥1॥
सोने काँती कतरब झालरी गुअबा हे।
आगे मैया, रूपे काँती चिरबै में कामी॥2॥
ओहि कामी बुनबै<ref>बुनूँगा</ref> में डाला डाली हे।
तोड़बै में अरहुल फूल हे॥3॥
ओहि फूल पुजबै में देबी देब हे।
जिनि मोर पुरलै<ref>पूर्ण हुआ</ref> आस<ref>आशा; मनःकामना</ref> हे॥4॥
शब्दार्थ
<references/>