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कौने जैतऽ बाबा हो तीरथराज, कौने कटैतऽ बेतबा हे / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कौने जैतऽ<ref>जायगा</ref> बाबा हो तीरथराज, कौने कटैतऽ<ref>कटवायगा</ref> बेंतबा<ref>बेंत</ref> हे।
कौने परभु बेनियाँ<ref>पंखा</ref> बेसैतऽ<ref>खरीदेगा</ref>, बेनियाँ के सीतल बतास<ref>हवा</ref> हे॥1॥
बाबा मोरे जैतऽ गे बेटी तीरथराज, भैया कटैतऽ बेंत हे।
सामी परभु बेनियाँ बेसैतऽ, बेनियाँ के सीतल बतास हे॥2॥
बाबा पुछलकौ<ref>पूछा</ref> कवन गे बेटी, कहु<ref>कहो</ref> बेटी दिल केर<ref>का</ref> बात हे।
कौने बिधि<ref>किस प्रकार</ref> ससुरा बसलें<ref>बसी; निवास किया</ref>, कौने बिधि रहले<ref>रही</ref> पराय<ref>पराया; दूसरे का होकर; भाग आई</ref> हे॥3॥
कारी<ref>काली</ref> कमयिा<ref>कंबल</ref> बाबा हो देलक<ref>दिया</ref> बिछाइ, बाघ के छला<ref>छाल; चर्म</ref> देलक ओढ़ाइ हे।
भसम लागल बाबा नीनों<ref>नींद</ref> नहिं आबै, एहि बिधि रहल्हाँ पराय हे॥4॥

शब्दार्थ
<references/>