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कौन चाहता है रक्तपात / संजय चतुर्वेदी
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दिमाग़ नहीं ख़राब उनका
नहीं चाहते वे मरना-मारना
आरामपसन्द हैं वे भी
और घर जैसा घर चाहिए उन्हें
एक-सी हवा मिले सबको
फिर कौन चाहता है रक्तपात।