कौन है? / नरेन्द्र शर्मा
कौन है? वह कौन है?
है बसी हर साँस में जो, आस में जो,
और मन की फाँस में जो,
मधुर आकर्षणमयी, विभ्रममयी वह कौन है?
कौन है? वह कौन है?
हँस रही हर फूल में जो, शूल में जो,
ओस, आँसू, धूल में जो,
अश्रु औ मुसकान के उपमान-सी वह कौन है,?
कौन है? वह कौन है?
मुग्ध नयनों की मनी जो; छवि-कनी जो,
मधुरतम प्रतिमा बनी जो,
मोह-माया से बनी वह कनक-काया कौन है?
कौन है? वह कौन है?
अर्ध्य कंपित अश्रुजल में; उर-अनल में
धूप--प्रस्तुत चरणतल में;
जल-अनल से पूजती है प्रीति जिसको, कौन है?
कौन है? वह कौन है?
जो बनी विश्वास मन में, दीप्ति तन में;
बन दुसह सन्देह क्षण में,
जो लगाती आग, वह अनुरागवाली कौन है?
कौन है? वह कौन है?
प्रेम बिन विश्वास रोता, धैर्य खोता,
बैठ मन आँसू पिरोता;
कामना आशारहित; संकेत करती कौन है?
कौन है? वह कौन है?
पलक मुँदते, ज्योति बुझती; साँस रुकती,
किन्तु फिर विद्युत चमकती;
शून्य नभ-सा विधुर उर लीलामयी वह कौन है?
कौन है? वह कौन है?