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क्या आपके पास थोड़ा सा समय होगा? / स्वाति मेलकानी
Kavita Kosh से
बादल पहाड़ पर रूका
और घाटी में बारिश हुई।
मोटी मोटी बूँदें
नदी बनकर
बह चली मैदानों में।
पहाड़ की खामोश आँखों ने
देखा है बादल को छाते
बारिश को आते
और नदी को जाते।
पहाड़ के पास
कई किस्से हैं सुनाने को।
क्या आपके पास
थोड़ा सा समय होगा?