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क्या बताता उसे कि कैसा हूँ / अमित शर्मा 'मीत'
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क्या बताता उसे कि कैसा हूँ
सो बताया यही कि अच्छा हूँ
उसने मुझसे तलाक़ मांगा है
और मैं चूड़ियाँ ले आया हूँ
किस तरह तू जुदा करेगा अब
मैं तिरी रूह में समाया हूँ
काश ये बात तुझसे कह पाता
बिन तिरे किस क़दर मैं टूटा हूँ
इश्क़ होने के बाद का आलम
याद आने पर चीख उठता हूँ
रात भर नींद को जगाकर मैं
सुब्ह का इंतज़ार करता हूँ
मीत दुनिया कि है नज़र जिस पर
हाँ उसी शख़्स की मैं दुनिया हूँ