भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले / हरियाणवी
Kavita Kosh से
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
क्या यह किसमत की खूबी बालमा खोटे मिले
एक तो नहाना बनाया दूसरे नहाते नहीं
तीसरे हाजिर घड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं
एक तो खाना बनाया दूसरे खाते नहीं
तीसरे हाजिर खड़ी हूं चौथे दिल मिलता नहीं