क्यों और किसी का भी सहारा देखो
हर चीज़ को कुछ हट के अल-हदा देखो
खुल जाएंगे हस्ती के कई राज़ नये
है देखना दुनिया को तो तन्हा देखो।
 
क्यों और किसी का भी सहारा देखो
हर चीज़ को कुछ हट के अल-हदा देखो
खुल जाएंगे हस्ती के कई राज़ नये
है देखना दुनिया को तो तन्हा देखो।