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क्यों जी रहा हूँ मैं / बोहिस वियाँ / अनिल जनविजय

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क्यों जी रहा हूँ मैं
आख़िर, क्यों जी रहा हूँ मैं —

सुनहरे बालों वाली उस औरत के
स्वर्णिम पीले पैरों को देखने के लिए
हमेशा खड़ी होती है जो
दीवार से टेक लगाकर
जलते सूरज की धूप में ।

बन्दरगाह पर खड़े
खुले हुए पालों वाले
उस जहाज़ के लिए
जो मुझे लुभाता है ।

शीशेदार उस काफ़ी हाउस के लिए
जिसके परदों की छाँव में
पीते हैं हम कोल्ड-कॉफ़ी
सिरकी से ।

मुझे पसन्द है रेत को
सहलाना
और गहरे नीले जल के पार
समुद्र तल की गहराई में उतर जाना ।

इतना नीला होता है पानी
इतना गहरा होता है पानी
कि मछलियों के साथ
उन शान्त मछलियों के साथ
मैं भी जीने लगता हूँ समुद्र ।

समुद्र तल में
तैरती हुई मछलियाँ
समुद्री शैवालों पर उड़ती हैं जैसे
किसी सुस्त चिड़िया की तरह
किसी नीली चिड़िया की तरह ।

मैं जी रहा हूँ —
क्योंकि बहुत सुन्दर है जीवन ।

मूल फ़्रांसीसी से अनुवाद : अनिल जनविजय

और लीजिए, अब इसी कविता का रूसी अनुवाद पढ़िए
        Бориса Виана
          Я живу ради

Я живу ради ног
Одной блондинки,
Которая всегда стоит
Прислонившись к стене
Под палящим солнцем,
Ради круглого паруса
Рыболовного судна из порта,
Ради тени штор в застекленном кафе,
Мне нравится трогать песок
И видеть морское дно,
Которое становится таким голубым
И опускается так низко с рыбками,
Тихие рыбки плавают на дне
Летают над водорослями,
Как медленные птицы,
Как небесные птицы —
Я живу, потому что это красиво!

Перевод с французского Лиза Валиева

और लीजिए, अब यही कविता मूल फ़्रांसीसी भाषा में पढ़िए
            Boris Vian
      Pourquoi que je vis

Pourquoi que je vis
Pour la jambe jaune
D'une femme blonde
Appuyée au mur
Sous le plein soleil
Pour la voile ronde
D'un pointu du port
Pour l'ombre des stores
Le café glacé
Qu'on boit dans un tube
Pour toucher le sable
Voir le fond de l'eau
Qui devient si bleu
Qui descend si bas
Avec les poissons
Les calmes poissons
Ils paissent le fond
Volent au-dessus
Des algues cheveux
Comme zoizeaux lents
Comme zoizeaux bleus
Pourquoi que je vis
Parce que c'est joli