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क्रांति / रचना त्यागी 'आभा'

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असहिष्णुता और आक्रोश की
अवैध सन्तान हैं
क्रांतियाँ
आक्रोश के वीर्य से जन्मी
असहिष्णुता के गर्भ में पली
उसके रक्तपान से पोषित!
क्रूर तानाशाहों की
वासनामयी गिद्ध दृष्टि से
बचा, छिपाकर
इन्हें सहेजा जाता है
युवा होने तक
परिपक्व होने तक!
फिर वे नहीं रुक पातीं
फूट पड़ती हैं
ज्वालामुखी सी!