भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
क्रूर जीवन का दृश्य / आरागों
Kavita Kosh से
(क्रूर जीवन का दृश्य/ आरागों से पुनर्निर्देशित)
लुई दल्युक के लिए
मुझे लगता है कि वह मुझे भूल गई होगी
पागलपन में
इंतज़ार है कि वह बाँधेगी मुझे अपनी ख़ुशी से
आलिंगन में
अगर धोखा दिया उसने मुझे
हाँ-हाँ धोखा
किसी मूरत सी सुन्दर क्यों न हो वह
मैं उसे मार ही न डालूँ।
ले देस्तीने द ला पोयज़ी(1925-1926) से
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी