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खुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में / बशीर बद्र

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खुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
मांगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में

तुम छत पे नहीं आये में घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत भटका सावन कि घटाओं में

इस शहर में एक लड़की बिलकुल है ग़ज़ल जैसी
बिजली सी घटाओं में खुशबू सी हवाओं में

मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को
मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में

भगवान् ही भेजेंगे चावल से भरी थाली
मज़लूम परिंदों कि मासूम सभाओं में

दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे
कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेजी दवाओं में