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खुशी गुनगुनाती तराना रहे / रंजना वर्मा

खुशी गुनगुनाती तराना रहे।
दुखी मत कभी भी जमाना रहे॥

मेरे देश से जो करे दुश्मनी
जहाँ में न उसका ठिकाना रहे॥

स्वयं के लिये सोचते हों मगर
सदा फ़र्ज़ अपना निभाना रहे॥

न बेघर कोई हो जहाँ में कभी
सभी के लिये आशियाना रहे।

मिले मुफ़लिसों को न रोटी जहाँ
वतन वह सदा दरमियाना रहे॥

मुहब्बत से मिलके गले सब जियें
ये अंदाज सबको सिखाना रहे॥

जहालत को इज़्ज़त मिले जिस जगह
वहाँ क्यों कोई भी सयाना रहे॥