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खूबसूरत वादियों का जब नज़ारा हो गया / आरती कुमारी
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खूबसूरत वादियों का जब नज़ारा हो गया
फिर तुम्हारी याद का रौशन सितारा हो गया ।।
कर दिया था मौज ने कश्ती को तूफां की नज़र
आप माझी बनके आये तो किनारा हो गया ।।
पहले तो कहता रहा सच कहना जो भी कहना तुम
सच कहा तो ये जहां दुश्मन हमारा हो गया ।।
बंद हमने कर लिया आंखों में गुलमंज़र तमाम
रात उसकी हो गई और दिन हमारा हो गया ।।
एक ऐसा मोड़ आया ज़िंदगी में 'आरती'
हम किसी के हो गये कोई हमारा हो गया