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खेल - 2 / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
नहीं-नहीं रे आज नहीं रे,
चलें खेलने नहीं कहीं रे।
मेरे सिर में दर्द हो रहा,
कैसे चेहरा जर्द हो गया।
मुझे वैद्य के घर जाना है,
कोई दवा अच्छी लाना है।
स्वस्थ्य यदि कल हो जाऊंगा,
तभी खेलने चल पाऊंगा।